जनसंख्या वृद्धिपर निबंध - Essay on Population Growth in Hindi

 

जनसंख्या वृद्धिपर निबंध - Essay on Population Growth in Hindi


जनसंख्या वृद्धि पर निबंध


जनसंख्या किसी भी देश की शक्ति भी होती है और कभी-कभी उसकी सबसे बड़ी चुनौती भी। भारत जैसे विशाल देश में जनसंख्या वृद्धि आज एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। बचपन से ही मैं सुनता आया हूँ कि “भारत में सबसे बड़ी समस्या गरीबी है” लेकिन धीरे-धीरे समझ आया कि गरीबी का सबसे बड़ा कारण भी यही जनसंख्या वृद्धि है। जब परिवार में लोग ज़्यादा हों और संसाधन सीमित हों तो संघर्ष तो होना ही है।



जनसंख्या वृद्धि के कारण

भारत में जनसंख्या बढ़ने के कई कारण हैं। पहला कारण है शिक्षा की कमी। गाँवों और छोटे कस्बों में लोग अभी भी परिवार नियोजन के महत्व को नहीं समझते। मुझे याद है, जब मैं अपने गाँव गया था तो वहाँ के एक बुज़ुर्ग ने कहा था – “ज़्यादा बच्चे मतलब ज़्यादा मददगार हाथ।” लेकिन हकीकत यह है कि बच्चों की परवरिश और शिक्षा देना जितना आसान पहले था, आज उतना बिल्कुल नहीं है।

दूसरा कारण है स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार। पहले लोग छोटी बीमारियों से ही चल बसते थे, लेकिन अब दवाइयाँ और अस्पतालों की सुविधा मिलने से मृत्यु दर घट गई है और जन्म दर अभी भी ऊँची बनी हुई है। इसी वजह से जनसंख्या तेज़ी से बढ़ रही है।



जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव

जनसंख्या वृद्धि का असर जीवन के हर क्षेत्र में दिखता है। सड़कें भीड़ से भर जाती हैं, अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैं, स्कूलों में सीटें कम पड़ जाती हैं और नौकरियों के लिए प्रतियोगिता इतनी बढ़ जाती है कि मेहनती युवक भी बेरोज़गार रह जाते हैं।

मेरे शहर में तो ये हाल है कि पानी की लाइन सुबह-सुबह लग जाती है, क्योंकि कॉलोनी में लोगों की संख्या बढ़ गई है और पानी सीमित है। यह देखकर मुझे अक्सर लगता है कि अगर जनसंख्या इसी रफ़्तार से बढ़ती रही तो आगे आने वाली पीढ़ियाँ बुनियादी ज़रूरतों के लिए भी संघर्ष करेंगी।



समाधान के उपाय

जनसंख्या नियंत्रण के लिए सबसे पहले शिक्षा पर ज़ोर देना होगा। जब लोग शिक्षित होंगे तो उन्हें समझ आएगा कि छोटा परिवार ही सुखी परिवार होता है। साथ ही, सरकार को परिवार नियोजन से जुड़े कार्यक्रम और योजनाएँ और ज़्यादा प्रभावी ढंग से चलानी होंगी।

मैंने टीवी पर एक विज्ञापन देखा था – “हम दो, हमारे दो।” यह नारा बचपन से सुनता आया हूँ, लेकिन असल ज़िंदगी में बहुत से लोग इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं। मेरा मानना है कि अगर इस सोच को हर परिवार अपनाए, तो देश की आधी समस्याएँ अपने आप हल हो जाएँगी।

इसके अलावा, महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण भी इस दिशा में बेहद ज़रूरी है। जब महिलाएँ निर्णय लेने में सक्षम होती हैं तो वे परिवार के भविष्य के बारे में बेहतर सोचती हैं।



निष्कर्ष

जनसंख्या वृद्धि केवल एक आँकड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन की गुणवत्ता पर सीधा असर डालती है। अगर आज हम इस पर ध्यान नहीं देंगे तो आने वाली पीढ़ियाँ संसाधनों के लिए तरसेंगी। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण केवल सरकार का नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व है। जब तक हम सब मिलकर इस दिशा में कदम नहीं उठाएँगे, तब तक भारत का विकास अधूरा रहेगा।




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