मेरी माँ पर निबंध | Essay on My Mother in Hindi


मेरी माँ पर निबंध | Essay on My Mother in Hindi


Essay on My Mother in Hindi



मेरी माँ – मेरे जीवन की सबसे बड़ी ताक़त

हर इंसान के जीवन में कोई ऐसा होता है जो उसे हर परिस्थिति में संभाल लेता है। मेरे लिए वह मेरी माँ हैं। बचपन से लेकर आज तक मेरी माँ ने मुझे कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया। मुझे याद है, जब मैं छोटा था और बीमार पड़ जाता था तो मेरी माँ पूरी रात जागकर मेरे सिर पर हाथ फेरती रहती थीं। उनकी गोद में बैठकर मुझे ऐसा लगता था जैसे पूरी दुनिया की सारी परेशानियाँ खत्म हो गई हों।


माँ का निस्वार्थ प्यार और त्याग

माँ का प्यार दुनिया का सबसे सच्चा और निस्वार्थ रिश्ता है। मेरी माँ खुद की इच्छाओं को हमेशा पीछे रखकर हमारी खुशियों को प्राथमिकता देती हैं। कई बार मैंने देखा है कि वह खुद नए कपड़े नहीं खरीदतीं लेकिन मेरे और मेरे भाई-बहनों की छोटी-सी छोटी जरूरत भी पूरा करती हैं। यह देखकर मुझे हमेशा यही सीख मिलती है कि परिवार के लिए त्याग करना ही सच्चा प्रेम है।


मेरी माँ मेरी पहली शिक्षक

कहते हैं कि बच्चे का पहला स्कूल उसका घर होता है और पहली शिक्षिका उसकी माँ। मेरी माँ ने मुझे सिर्फ किताबों का ज्ञान ही नहीं दिया बल्कि जीवन जीने का तरीका भी सिखाया है। उन्होंने ही मुझे बड़ों का सम्मान करना, छोटे बच्चों से प्यार करना और सच्चाई पर डटे रहना सिखाया।
मुझे आज भी याद है, एक बार मैंने झूठ बोलकर अपनी पढ़ाई से बचने की कोशिश की थी। उस दिन माँ ने मुझे डाँटा तो नहीं, बल्कि समझाया कि झूठ बोलकर इंसान कभी आगे नहीं बढ़ सकता। वही सीख आज तक मेरे जीवन में मेरे लिए सबसे बड़ी पूँजी है।


माँ के बिना घर अधूरा है 

हमारे घर में माँ सिर्फ काम करने वाली इंसान नहीं हैं, बल्कि घर की आत्मा हैं। जब कभी माँ मायके चली जाती हैं तो पूरा घर खाली-खाली लगता है। न सही समय पर खाना मिलता है, न वह अपनापन महसूस होता है। तभी समझ आता है कि माँ ही हैं जो घर को घर बनाती हैं।


मेरी माँ से मिली जीवन की प्रेरणा

मेरी माँ हमेशा कहती हैं – “मेहनत करने से कभी डरना मत, क्योंकि मेहनत करने वालों का साथ भगवान भी देते हैं।” उनकी यह बात मुझे हर मुश्किल घड़ी में याद आती है और आगे बढ़ने की ताक़त देती है। चाहे पढ़ाई हो, खेल हो या जीवन की कोई चुनौती, मुझे विश्वास है कि मेरी माँ का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ है।


मेरी माँ मेरे लिए ईश्वर का रूप

जब भी मैं माँ के बारे में सोचता हूँ तो यही लगता है कि सचमुच ईश्वर हर जगह नहीं हो सकते थे, इसलिए उन्होंने माँ को बनाया। मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा, मेरी ताक़त और मेरी दुनिया हैं। अगर मुझे किसी से सच्चा और निस्वार्थ प्रेम मिला है तो वह मेरी माँ से ही मिला है।





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