Essay on Youth in Hindi
भूमिका: युवाओं की शक्ति
युवाओं को किसी भी देश की रीढ़ माना जाता है। जब मैं अपने आसपास देखता हूँ तो महसूस करता हूँ कि युवाओं में जितनी ऊर्जा, जोश और सपने होते हैं, उतने शायद किसी और वर्ग में नहीं होते। स्कूल और कॉलेज के दिनों से ही मैंने देखा है कि युवा बदलाव के सबसे बड़े सूत्रधार होते हैं। मेरे खुद के दोस्तों का उदाहरण लीजिए—किसी ने स्टार्टअप शुरू किया, कोई समाज सेवा से जुड़ा और कोई खेलों में देश का नाम रोशन कर रहा है। यह सब देखकर बार-बार यही लगता है कि सही दिशा और मार्गदर्शन मिलने पर युवा किसी भी राष्ट्र को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकते हैं।
युवाओं की भूमिका समाज और देश निर्माण में
युवाओं की सबसे बड़ी ताकत है—उनकी सोच और उत्साह। आज का युवा केवल नौकरी की तलाश में नहीं है, बल्कि वह खुद रोजगार पैदा करने का साहस रखता है। मुझे याद है, एक बार हमारे मोहल्ले के कुछ युवाओं ने मिलकर एक "रीडिंग क्लब" शुरू किया था, ताकि छोटे बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिल सके। उस समय यह छोटा-सा प्रयास लग रहा था, लेकिन धीरे-धीरे बच्चों की पढ़ाई में सुधार आने लगा। इस अनुभव से मुझे समझ आया कि युवा चाहे तो शिक्षा, पर्यावरण, या सामाजिक समानता जैसे क्षेत्रों में असाधारण योगदान दे सकता है।
युवा ही वह वर्ग है जो परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बना सकता है। एक तरफ वे नई तकनीक के जानकार हैं और दूसरी ओर वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों को भी समझते हैं। इसी कारण मुझे लगता है कि देश की प्रगति का असली सूत्र युवाओं के हाथ में है।
चुनौतियाँ और वास्तविकता
हालाँकि यह भी सच है कि हर युवा अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में नहीं लगा पाता। बेरोजगारी, नशा और भटकाव जैसी चुनौतियाँ युवाओं को कमजोर करती हैं। मैंने अपने कॉलेज के दिनों में कई ऐसे दोस्तों को देखा है जो नशे की लत में पड़कर अपनी पढ़ाई और करियर दोनों खो बैठे। यह देखकर मन बहुत दुखी होता है, क्योंकि वही युवा जो समाज का आधार बन सकता था, वह खुद ही जिंदगी की राह में भटक गया।
यही कारण है कि युवाओं को सही मार्गदर्शन और सहयोग की जरूरत होती है। परिवार, शिक्षक और समाज—तीनों का कर्तव्य है कि वे युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा दें।
मेरा व्यक्तिगत अनुभव और विचार
मैंने खुद महसूस किया है कि जब भी किसी ने मुझे प्रोत्साहित किया, मैंने बेहतर प्रदर्शन किया। कॉलेज में एक बार निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने का मन नहीं कर रहा था, लेकिन मेरे शिक्षक ने कहा—"तुम्हारे विचारों में ताकत है, बस उन्हें लिख दो।" उसी प्रेरणा से मैंने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और पुरस्कृत भी हुआ। उस दिन समझ आया कि सही प्रेरणा युवाओं के जीवन की दिशा बदल सकती है।
आज जब मैं अपने छोटे भाई को देखता हूँ तो सोचता हूँ कि हमें युवाओं पर भरोसा करना चाहिए, उन्हें केवल आदेश नहीं देने चाहिए बल्कि अवसर और विश्वास भी देना चाहिए।
युवाओं को केवल भविष्य का नहीं, बल्कि वर्तमान का आधार भी कहा जा सकता है। उनकी मेहनत, जोश और नवीन सोच ही देश को प्रगति की ओर ले जाती है। लेकिन यह तभी संभव है जब समाज उन्हें सकारात्मक वातावरण, शिक्षा और अवसर दे।
मेरा मानना है कि यदि हर युवा अपनी जिम्मेदारी समझकर आगे बढ़े, तो भारत को दुनिया का सबसे शक्तिशाली और समृद्ध देश बनने से कोई नहीं रोक सकता।